कैपिटल गेंस

- किसी संपत्ति या शेयरों को बेचने से होने वाली इनकम कैपिटल गेंस होती है। यह दो तरह का होता है : लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस।

- अगर किसी संपत्ति को उसके खरीदे जाने के तीन साल के भीतर बेचा जाता है, तो उससे होने वाला फायदा शॉर्ट टर्म गेंस होगा और अगर तीन साल के बाद बेचा जाता है तो उसे लॉन्ग टर्म गेंस कहेंगे।

- इसी तरह अगर शेयरों को खरीदे जाने के 12 महीने के अंदर बेच दिए जाते हैं, तो होने वाला लाभ शॉर्ट टर्म होगा और अगर 12 महीने के बाद बेचा जाता है तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस में रखेंगे।

- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स देना होता है इसलिए उसे टैक्सेबल इनकम में जोड़ेंगे। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर कोई टैक्स नहीं लगता, इसलिए इसे नहीं जोड़ेंगे।